Reckeweg R6 drops in Hindi, वायरल बुखार(फ्लू) ब्रांकाइटिस का ईलाज

R6 Homeopathy medicine for Viral flu, Bukhar, Bronchitis, Influenza in Hindi

Reckeweg R6 Drops in Hindi- डॉ.रेकवेग अर.६ इंफ्लुएंज़ा सम्बन्धी ड्रॉप्स, वायरल बुखार(फ्लू Flu in Hindi) ब्रांकाइटिस का जर्मन होम्योपैथी ईलाज

मूल-तत्व : ब्रायोनिया D4, कैम्फोरा D3, कॉस्टिकम हैनम D6, बैप्टीसीया D4, युपेटोरियम परफोल D3, फेरम फॉस○D8, जेल्सेमियम D6, यूकेलिप्टस D3, सैबाडिल्ला D 6, एकोनाइटम D4.

लक्षण : तंतु-ऊतकों तथा सीरमी झिल्लियों का उग्र ज्वरयुक्त प्रदाह ।

अर.६ सीरम सम्बन्धी एक विशिष्ट औषधि है, विशेषकर इंफ्लुएंज़ा की स्थिति में ।
सामान्य संक्रमण, साथ में हाथ-पैरों में पीड़ा, सन्निपात की अनुभूति, हल्का-हल्का सिरदर्द, बेचैनी। सूखी तथा जलती हुई त्वचा, तेज दर्द ।

ऊपरी वायु मार्गों की श्लेष्मिक झिल्ली में बुखार युक्त नजला, नाक व गलकोष का प्रदाह, इंफ्लुएंज़ा, श्वासनली का प्रदाह, निमोनिया सीरमी झिल्लियों की जलन, फेंफड़ों की झिल्ली का प्रदाह (Pleurisy meaning in Hindi),हृदयावरक झिल्ली का प्रदाह (Pericarditis), उदरावरक झिल्ली का प्रदाह (Peritonitis), पेट के अंगों की ज्वलनशील प्रकियाओं के दौरान उदरावरण (Peritoneum) की उत्तेजना ।

R6 in Hindi, क्रिया विधि :
बैप्टीसिया : आंत्रिक (typhic) बुखार, गहन निद्रा एवं सुस्ती, सर्दी, श्लेष्मिक झिल्लियों में जलन ।
ब्रायोनिया : नजला एवं बुखार, सिर दर्द, चुभने वाला दर्द, सीरमी ऊतकों में जलन ।
कैम्फोरा : आरोग्यकारी, शांति दायक
कॉस्टिकम : श्लेष्मा में कच्चेपन की अनुभूति, खोखली खाँसी, मूत्राशय की संकोचक पेशी की दुर्बलता ।
यूकेलिप्टस : सामान्य व्यग्रता तथा बढ़ती हुई साँस, अंगों की बेचैनी (Weariness) तथा कड़ापन, सिरदर्द बुखार ।
उपेटोरियम पर्क : कमजोरी (Prostration meaning in Hindi) की अनुभूति के साथ बुखार, ऊपरी वायु मार्गों में नजला युक्त जलन, साथ ही खाँसी की प्रवत्ति तथा श्लेष्मा के कच्चेपन (rawness of the mucous membrane) की अनुभूति ।
फेरम फॉस : बुखार तथा जलन की औषधि, धीमी नाड़ी, सिर की ओर रक्त का अधिक बहाव । ऊपरी श्वास मार्गों के प्रदाह तथा श्वास नलियों व फेफड़ों के प्रदाह (Broncho pnuemonia in Hindi) में प्रभावशाली। ठंड लगने के बाद बुखार, साथ में शुष्क रक्तिम त्वचा, बेचैनी (Restlessness in Hindi) ।
जेल्सेमियम : रक्त संकुलन सम्बन्धी सिरदर्द, उनींदापन, कँपकँपी तथा अवसन्नता ।
सैबाडिल्ला : छींक के केंद्र का ऐंठन युक्त (spasmodic sneezing) उद्यीपक, जलन युक्त ठंड, खांसी के केंद्र की उत्तेजना, छाती में सुई चुभने जैसी अनुभूति ।

अर.६ खुराक की मात्रा :
बुखार की प्रवत्ति के साथ तीक्ष्ण रोग अवस्था : प्रत्येक 15 से 30 मिनट पर थोड़े पानी में 10 बूँदें । जैसे ही भुखार कम होने लगे (सामान्यतः 1-2 दिनों के बाद) तथा पसीना आये, प्रत्येक 1-2 घंटे पर 10-15 बूँद दवा लें । बुखार जाने के बाद, कई दिनों तक प्रत्येक 2-3 घंटे पर 10 बूँदें थोड़े पानी में लेते रहें ।

इंफ्लुएंज़ा फैलने पर बचाव : थोड़े पानी में 10-15 बूँदे दिन में 3-4 बार ।

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टिप्पणी : तीक्ष्ण संक्रमण में जब तेज़ बुखार हो तथा जलन मुख्य रूप से सिर की श्लेष्मिक झिल्ली में केन्द्रित हो (लालिमा, उन्माद, आँख दुखना अथवा आँख का प्रदाह), R 1 का प्रयोग करें ।

श्वासनलियों के प्रदाह (Bronchitis) में : जटसिन बूँदें R 9 तथा सिरप R 8 देखें ।

फेफड़ों के झिल्ली के प्रदाह (Pleuritis) में :R 24 देखें ।

साइनस (Sinusitis) के सम्बन्ध होने पर :R 49 देखें ।

उपर्युक्त दवाओं का प्रयोग लक्षणों के आधार पर R 6 के अतिरिक्त, अथवा उसके साथ अदल-बदल कर किया जाता है ।

चिकेन-पॉक्स : अतिरिक्त औषधि के रूप में R 68 का प्रयोग करें ।

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