कोंजक्टिवेटाइटिस और मोतियाबिंद के बारे में संक्षिप्त जानकारी
कोंजक्टिवेटाइटिस, जिसे आँख आना के रूप में भी जाना जाता है, कंजंक्टिवा की सूजन है। कंजंक्टिवा पतली स्पष्ट ऊतक है जो आंखों के सफेद हिस्से पर स्थित है और पलक के अंदर की रेखाएं हैं। यह एलर्जी या जीवाणु या वायरल संक्रमण के कारण हो सकता है। Conjunctivitis बेहद संक्रामक हो सकता है और संक्रमित किसी से आंख स्राव के संपर्क में फैल गया है। जीवाणु गुलाबी आंख वाले बच्चे आंखों की बूंदों या मलम शुरू करने के 24 घंटे बाद स्कूल या डे केयर में लौट सकते हैं
मोतियाबिंद (cataract in Hindi) एक घने, बादल जैसे क्षेत्र है जो आंखों के लेंस में बनता है। यह धीरे-धीरे विकसित होता है और अंत में आपकी दृष्टि में हस्तक्षेप करता है। लक्षणों में फीका रंग, धुंधली दृष्टि, प्रकाश के चारों ओर हेलो, उज्ज्वल रोशनी के साथ परेशानी, और रात में देखने में परेशानी शामिल हो सकती है। तीन प्राथमिक प्रकार के आयु से संबंधित मोतियाबिंद हैं: न्युक्लीअर स्क्लेरोटिक, कॉर्टिकल, सबकैप्सूलर। एक व्यक्ति उम्र के रूप में, किसी भी एक प्रकार, या इन तीनों में से किसी एक का संयोजन, समय के साथ विकसित हो सकता है। अधिकांश मोतियाबिंद तब विकसित होते हैं जब बुढ़ापे या चोट ,ऊतक को बदलती है जो आपकी आंखों के लेंस बनाती है। कुछ विरासत में आनुवंशिक विकार जो अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनते हैं, मोतियाबिंद के आपके जोखिम को बढ़ा सकते हैं
R78 drops Hindi लक्षण : आँखों की श्लेष्मिक झिल्ली का पुराना प्रदाह अथवा आँख आना (Conjunctivitis), पलकों का प्रदाह (Blepharitis), गुहेरी, आँखों की श्लेष्मिक झिल्ली का जुकाम सम्बन्धी प्रदाह, आँखों की थकान, धुंधलापन, दोहरा दिखाई देना, प्रारंभिक मोतिया बिंद।
मूल तत्व : एकोनाइटम D4, एपिस मेलिफिका D4, बेलाडोना D4, यूफोर्बिया सिपैरिसियास D3, यूफोर्बियम D4, यूफ्रेशिया D2, हेमैमेलिस D2, कालियम कार्बोनिकम D4, मर्क्युरिस बाइआयोडेटस D5, रस टॉक्स D4, रुटा D2, स्क्रोफुलेरिया नोडोसा D2, स्पाइजेलिया D4, स्टेफिसगेरिया D4, सल्फर D4.
आर ७८ ड्रॉप्स क्रिया विधि : एकोनाइटम : दर्द से छुटकारा दिलाने वाली औषधि।
एपिस मेलिफिका : सुई चुभने जैसी पीड़ा आँखों की श्लेष्मिक झिल्ली का संक्रामक प्रदाह (Epidemic Conjunctivitis)। बेलाडोना : आँखों की श्लेष्मिक झिल्ली का प्रदाह, पलकों का प्रदाह।
यूफोर्बिया सिपैरिसियास : श्लेष्मिक झिल्लियों के क्षोभण में।
यूफोर्बियम : आँखों से पानी निकलना, आँखों की श्लेष्मिक झिल्ली का जुकाम सम्बन्धी प्रदाह।
यूफ्रेशिया : आँखों की थकान, चौंधियाना, आंतरिक नेत्र सम्बन्धी उच्च दबाव, आँखों की श्लेष्मिक झिल्ली का प्रदाह, अश्रुपात, पलकशोथ, भौंहो क प्रदाह, नेत्रपटल पर घाव या फुंसी (Ulcus)।
हेमैमेलिस : नेत्र के काचाभ से रुधिर स्त्राव, आँखों की थकान।
कालियम कार्बोनिकम : अत्यधिक सूजन के साथ ऊपरी पलक पर जलीयशोथ।
मर्क्युरिस बाइआयोडेटस : पलकशोथ, भौंहों का प्रदाह, आँख की पुतली का प्रदाह, पलकों अथवा भौहों सम्बन्धी जलन, वातशूल (बायीं ओर का)।
रस टॉक्स : आँखों की श्लेष्मिक झिल्ली का प्रदाह, द्रवीय (Mattery) स्त्राव के साथ पलकों की सूजन।
रुटा : आँखों की थकान के कारण होने वाले दॄष्टि दोष।
स्क्रोफुलेरिया नोडोसा : गांठ बनने वाले आँखों के रोग, गुहेरी।
स्पाइजेलिया : नजला सम्बन्धी आँखों की जलन।
स्टेफिसगेरिया : गुहेरी, पलकों की गिल्टी।
सल्फर : लाल पलकें, साथ में पीबयुक्त (Purulent) जलन की प्रवृत्ति, गुहेरी।
आर ७८ ड्रॉप्स खुराक की मात्रा : प्रतिदिन ३ बार थोड़े पानी में 20 बूँदें।
टिप्पणी : स्थानिय जलन (नयी तथा पुरानी), जिसकी नजले एवं पीब बनने (Purulent) की प्रवृत्ति हो, अतिरिक्त औषधि के रूप में R1 का भी प्रयोग करना चाहिए।
साथ में आँखों में डालने के लिए रेकवेग की अल्कोहल रहित सिनेरेरिया आई ड्रॉप्स जोकि आँखों के लिए उत्कृष्ट दवा है, अनुमोदित की जाती है।