रेकवेग R72 Pancreas Drops Hindi पाचन ग्रंथि,अग्न्याशय रोग का इलाज

R72 homeopathy medicine in hindi pancreatitis ka ilaj agnashay shoth ki dawa

पैंक्रियाटिटीज या अग्नाशयशोथ के बारे में संक्षिप्त जानकारी
अग्नाशयशोथ एक ऐसी बीमारी है जिसमें पैनक्रिया सूजन हो जाती है। अग्नाशयी क्षति तब होती है जब पाचन एंजाइमों को छोटे आंत में छोड़ने से पहले सक्रिय किया जाता है और पैनक्रिया पर हमला करना शुरू करता है। अग्नाशयशोथ के दो रूप हैं: तीव्र और पुरानी। एक्यूट पैंक्रियाटिटीज: अग्नाशयशोथ अचानक शुरू हो सकता है और दिनों के लिए रहता है या यह कई सालों से हो सकता है। इसमें कई कारण हैं, जिनमें गैल्स्टोन और लगातार भरी शराब सेवन शामिल है। लक्षणों में ऊपरी पेट दर्द, मतली और उल्टी शामिल है। उपचार का विकल्प: यद्यपि पुरानी अग्नाशयशोथ के लिए कोई इलाज नहीं है, कुछ दवा लक्षणों को कम कर सकते हैं और पौष्टिक कमियों के लिए तैयार हो सकते हैं। डॉक्टर अक्सर पाचन एंजाइम और विटामिन की खुराक लिखते हैं। अस्पताल में शुरुआती उपचार में शामिल हो सकते हैं: उपवास। अपने पैनक्रिया को पुनर्जीवित करने का मौका देने के लिए आप अस्पताल में कुछ दिनों के लिए खाना बंद कर देंगे। गंभीर दर्द को नियंत्रित करने के लिए दर्द दवाएं दी जा सकती हैं

अग्नाशयशोथ के लक्षण

  • पेट में दर्द या कोमलता जो गंभीर है या बदतर हो जाती है
  • समुद्री बीमारी और उल्टी
  • बुखार या ठंड लगना
  • तेजी से दिल धड़कना
  • सांस लेने में कठिनाई
  • त्वचा का पीलापन या आंखों का सफेद होना, पीलिया कहलाता है

R72 dops in Hindi Indications लक्षण : पाचक ग्रंथि का प्रदाह (Pancreatitis), पाचन रस थैली के रोग,अग्नाशयशोथ

मूल-तत्व : कोलोसिंथिस D6, लाइकोपोडियम D6, मोमोर्डिका बाल्सेमिना D3, एपिस मैलिफिका D5, फॉस्फोरस D6.

क्रिया विधि: पाचन रस थैली के पुराने (Pancreatitis) के रोग विषयक लक्षण प्रायः अस्पष्ट होते हैं, किंतु इसमें पेट के ऊपरी भाग में होने वाले दर्द की पुनरावृत्ति (Relapsing) शामिल रहती है। पीड़ा पीठ की ओर फैलती है तथा आगे झुकने या औंधा लेटने से आराम मिलता है। पीड़ा अक्सर भोजन के २-३ घंटे बाद बढ़ती है। प्रारंभिक लक्षणों में मीठे पदार्थों के प्रति असहनशीलता शामिल होती है। पाचन रस थैली में व हद क्षति पहुँचने पर सामान्यतः मल में चर्बीदार पखाना, अपचे भोज्य पदार्थ तथा बड़े आकार के मल पाये जाते हैं।
उदर, आँतीय, लीवर अथवा पित्ताशय की रुग्णता सम्बन्धी सापेक्ष निदान अवश्य करना चाहिए क्योंकि उपर्युक्त लक्षण उनमें से किसी की बीमारी का भ्रम दे सकते हैं। बाँये पेट के निचले भाग में दर्द होना, पाचन रस थैली के पुराने प्रदाह का लक्षण है। तीव्र (Acute) पाचन रस थैली के प्रदाह में ऊपरी पेट का आक्रामक दर्द प्रायः एक स्थिर लक्षण है। ऐसी स्थिति में रोगी को हस्पताल में भर्ती करा देना चाहिए।
R72 के मूल-तत्व पुराने पाचन रस थैली के प्रदाह से सम्बन्धित लक्षणों को ठीक करते हैं :
एपिस : चुभने वाला दर्द, पानी वाली सूजन।
कोलोसिंथिस : पेट में मरोड़ वाला दर्द, जिसमें दोहरे झुकने से आराम हो।
लाइकोपोडियम : निचले पेट में बाँयी ओर, उदर फूल जाने से दर्द।
मोमोर्डिका बाल्स : प्लीहा-घुमाव (Splenic Flexure) में अत्यधिक फुलाव।
फॉस्फोरस : अमाशयिक लक्षण, तेल जैसा पखाना, रोग की उन्नत अवस्थाओं में शरीर की चर्बी का क्षय होना।

खुराक की मात्रा : पाचन रस थैली के प्रदाह में तथा पाचन रस थैली के रोगों में : प्रतिदिन ३-४ बार थोड़े पानी में १०-१५ बूँदें।

टिप्पणी : पेट के ऊपरी भाग में दर्द तथा जठरीय लक्षण अस्पष्ट रहने पर : अतिरिक्त औषधि के रूप में प्रतिदिन १-२ बार R5 भी साथ दें।
लीवर तथा पित्ताशय के लक्षणों में : अतिरिक्त औषधि के रूप में प्रतिदिन १-२ बार R7 भी साथ में दें।
जब दर्द बढ़कर तीव्र बन जायें, तो तीक्ष्ण पाचन रस थैली के प्रदाह का संदेह होता है ऐसे में (क) प्रतिदिन ४-६ बार १०-१५ बूँद R1 दें, (ख) प्रतिदिन ३ बार भोजन के पूर्व १०-१५ बूँद R72 दें।
आराम मिलने पर खुराक कम कर दें।

अग्नाशयशोथ के अन्य होम्योपैथी सिफारिशें

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9 विचार “रेकवेग R72 Pancreas Drops Hindi पाचन ग्रंथि,अग्न्याशय रोग का इलाज&rdquo पर;

  1. मेरे बेटे को क्रोनिक पेनक्रियाटाइटिस है मुख्य नली मे सिकुड़न है उसे एक बार स्टंट भी लग चुका है कृपया दवाई बताईये जिससे नली की सिकूडन ठीक हो जाय।

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  2. मैंने पिछले कुछ सालों से एल्कोहल का लगातार सेवन किया है जिस कारण मुझे 2 साल पहले पेनक्रिएटाइटिस का दर्द हुआ था इसके बाद 4 महीने कभी 2 महीने बात दर्द होने लगा और अब एक एक महीने मैं भी दर्द हो जाता है जिसके कारण मुझे अस्पताल भी जाना पड़ता है कभी-कभी मैं डॉक्टर की लिखी दवाई खाकर घर पर ही 2 से 3 दिन मैं आराम पा जाता हूं । एल्कोहल का सेवन अब कर लेता हूं । पांच दिन पहले भी मुझे इसका दर्द उठा था इसके लिए मैंने एलोपैथिक दबाई ली जिससे आराम मिल रहा है लेकिन दर्द अभी भी थोड़ा है और अब मैं आर 72 एवं कालमेघ दो दबाई लाया हूं इनसे मुझे कितने दिन में आराम मिल जाएगा और ये बीमारी जड़ से कैसे खत्म होगी । अब मुझे क्या करना चाहिए और कौन सी दबाई लेनी चाहिए

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