Reckeweg R55 drops in hind, सभी प्रकार की चोटों, घावों का इलाज 

R55 in Hindi Injury treatment in Hindi chot ka ilaj

डॉ रेकवेग R55 drops in Hindi: All kinds of injuries, healing effect on wounds सभी प्रकार की चोटों, घावों का इलाज, जर्मन सीलबंद होमियोपैथी दवा
 
मूल-तत्व: आर्निका D3, बेलाडोना D4, कैलेंडुला D3, एकीनेशा एंगस्ट D3, हैमामेलिस D4, रस टॉक्स D6, रुटा D6, सिम्फाइटम D6.

लक्षण: सभी प्रकार की चोटें, हड्डी टूट जाना (fracture), संधिच्युति अथवा हड्डी का अपनी जगह से हट जाना (dislocation), मोच, मस्तिष्क का आघात, बंदूक की गोली या तेज शस्त्र से लगा घाव, साथ में रक्त स्त्राव। बुखार युक्त संक्रमण, रक्त विषाक्तता (blood toxemia) में पूरक दवा के रूप में प्रयोग की जा सकती है, तथा सामान्यतः इसके उद्दीपनकारी प्रभाव के द्वारा जीव की बचावकारी शक्ति में वृद्धि होती है।

प्रस्तुत औषधि इन परिस्थितियों में भी प्रभावशाली कार्य करती है, जैसे अत्यधिक खेलना कूदना, शरीर पर अत्यधिक दबाव पड़ना, जैसे मजदूरों द्वारा अधिक भार उठाकर ले जाना (जिसमें ह्रदय पर भारी दबाव पड़ना) तथा शरीर के उन भागों में आमवात (Rheumatism) के दौरान जिनमें पुरानी चोट लगी हो या किसी प्रकार का घाव रहा हो।

R55 Drops Hindi क्रिया विधि : आर्निका : धमनी प्रणाली पर क्रिया करती है, रक्त संचरण पर नियमनकारी प्रभाव, अवरोध दूर करती है।
बेलाडोना : जलन रोधी।
कैलेंडुला : विशेषकर खुले घावों में।
इचिनेशिया : जलन तथा विषाक्त जटिलताओं को दूर करती है।
हैमामेलिस : रक्तस्त्राव तथा शिराओं की स्थिरता।
रस टॉक्स : अत्यधिक थकान के परिणाम एवं स्थान-च्युति (joint disclocation), जोड़ो के उतर जाने पर।
रुटा : अनावश्यक कठोर परिश्रम में।
सिम्फायटम : फ्रेक्चर अथवा हड्डी टूट जाने में प्रभावी।
खुराक की मात्रा : गहरी चोट में १०-१५ बूँदें थोड़े पानी में मिलाकर या बिना मिलाए हर १०-१० मिनट बाद।
फ्रेक्चर (हड्डी टूटने पर) पहले दिन प्रत्येक १५ मिनट बाद, दूसरे दिन प्रत्येक ३० मिनट बाद, तीसरे दिन प्रत्येक १-१ घंटे बाद १५ बूँदें लें। उसके बाद १०-१५ बूँदें रोजाना ३-६ बार संभवतः भोजन से पहले लें।
इन्फलुएंजा और ह्रदय की शिकायतों में (अधिक श्रम करने पर) रोग के अनुसार प्रस्तुत औषधि को अन्य पूरक औषधियों के साथ अदल-बदल कर १५-३० मिनिट के अंतर से प्रयोग करें।

टिप्पणी : प्रभावकारी पूरक औषधियां :
R3, दिल की माँसपेशियों की कमजोरी में।
R6, ज्वर युक्त संक्रमण में।
R11, आमवात (Rheumatism) में।
R46, हाथों पर चोट लगने पर।
R16, आधासीसी (Migraine) और स्नायु-शूल में।
मूर्च्छा आने की आशंका हो तो R67 को भी दें।

MRP Rs.235 (upto 15% off) Buy Online at best Price

एक उत्तर दें

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  बदले )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  बदले )

Connecting to %s