डॉ रेकवेग R75 Dysmenorrhoea Drops पीड़ायुक्त मासिक धर्म के लिए

R75 homeopathy medicine in Hindi dysmenorrhoea ka ilaj masik srav treatment

कष्टदायक मासिक स्राव के बारे में संक्षिप्त जानकारी
डिसमेनोरिया, दर्दनाक पीरियड्स , या मासिक धर्म ऐंठन के रूप में भी जाना जाता है, और मासिक धर्म के दौरान दर्द है। इसकी सामान्य शुरुआत उस समय होती है जब मासिक धर्म शुरू होता है और गर्भाशय संकुचन (कॉन्ट्रैक्शन) के कारण होता है। । लक्षण आमतौर पर तीन दिनों से कम समय तक चलते हैं। दर्द आम तौर पर श्रोणि या निचले पेट में होता है। प्राथमिक डिसमोनोरिया सामान्य मासिक धर्म ऐंठन को संदर्भित करता है, जबकि माध्यमिक डिसमोनोरिया प्रजनन अंगों में विकार से होता है। दोनों प्रकार का इलाज किया जा सकता है। माना जाता है कि प्राथमिक डिसमोनोरिया प्रोस्टाग्लैंडिन के अत्यधिक स्तरों के कारण होता है, हार्मोन जो मासिक धर्म और प्रसव के दौरान आपके गर्भाशय के अनुबंध को बनाते हैं। आपके मासिक धर्म काल के दौरान अस्तर (एंडोमेट्रियम) धीमा होने पर इन हार्मोनों के रिलीज से दर्द का परिणाम होता है। डिसमोनोरिया से राहत पाने के लिए: अपने निचले हिस्से या पेट पर एक हीटिंग पैड या गर्म पानी की बोतल रखें, कैफीन युक्त खाद्य पदार्थों से बचें, धूम्रपान और अल्कोहल से दूर रहें, जब आवश्यक हो तब आराम करें

R75 drops in Hindi indications लक्षण : पीड़ायुक्त मासिक धर्म। मरोड़ युक्त पीड़ा। प्रसव पीड़ा।

मूल-तत्व : कॉलोफाइलम थैलिक्ट्रॉयड D2, कैमोमिला D30, सिमिसीफ्यूगा D3, क्यूप्रम एसेटिकम D4, मैग्नेशियम फॉस्फोरिकम D6, वाइबर्नम ओपुलस D2.

क्रिया विधि: इस मिश्रण के मूल-तत्व (Ingredients) स्त्री रोगों से सम्बन्ध रखते हैं जैसे जननांगों के रोग, जिन पर ये दवायें इस प्रकार असर करती हैं कि दर्द को नष्ट कर देती हैं और मरोड़रोधी के रूप में कार्य करती हैं।
कॉलोफाइलम थैलिक्ट्रॉयड : पेट के निचले भाग में मरोड़ वाले दौरे (Fits)।
कैमोमिला : अत्यधिक संवेदनशील (Oversensitive) स्थिति।
सिमिसीफ्यूगा : निचले उदर में अकस्मात बिजली की फुर्ति तथा गोली लगने जैसा दर्द।
क्यूप्रम एसेटिकम : मासिक धर्म में तीव्र पीड़ा।
मैगफॉस : दर्दनाक ऋतुस्त्राव, जिसमें प्राकृतिक स्त्रावों जैसे मासिक स्त्राव के प्रारंभ द्वारा आराम महसूस होता है।
वाइबर्नम ओपुलस : पेट के निचले भाग में मरोड़ जो जाँघों तक फैले। अनियमित मासिक स्त्राव।

R75 dysmenorrhea medicine खुराक की मात्रा : तीव्र पीड़ा तथा प्रसव पीड़ा में : प्रत्येक १/४ से १/२ घंटे पर थोडे पानी में १० बूँद लगातार लें। सुधार आरंभ होने पर प्रत्येक १-२ घंटे पर १०-१५ बूँद लें।
मासिक स्त्राव की पीड़ा में लंबे समय के लिए प्रतिदिन २-३ बार थोड़े पानी में १०-१५ बूँदें दें।

टिप्पणी : प्रचुर परिणाम में होने वाले ऋतुस्त्राव तथा काला व गाढ़ा रक्तस्त्राव होने की स्थिति में : R28 से तुलना करें। यदि ऐंठन पूरे पेट में फैलता है तो R37 भी साथ दें।

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