डॉ रेकवेग R62 drops for Inflammation of Mucous Membranes (Measles Drop) in Hindi श्लेष्मिक झिल्लियों की सूजन (खसरा की औषधि), जर्मन सीलबंद होमियोपैथी दवा
मूल-तत्व : ऑरम ट्राइफाइलम D3, बेलाडोना D4, फेरम फॉस्फोरिक D8, मर्क. सोल. हेनेम D8, पल्साटिल्ला D4.
R62 drops in Hindi Indications लक्षण : श्लेष्मिक झिल्लियों की सभी प्रकार के शोथ को कम करने के लिए, विशेषकर आँखों की शोथ, खसरा।
क्रिया विधि: इस मिश्रण की सभी दवायें श्लेष्मिक झिल्लियों की शोथ को कम करती हैं। तीव्र और चिरकालिक सुधार करती हैं।
इस मिश्रण के प्रयोग से बड़ी मात्रा में जटिलतायें नियंत्रित हो जाती हैं।
ऑरम ट्राइफ : प्रदाह ग्रस्त श्लेष्मिक झिल्लियों में ज्वलनशील तथा सुई चुभने जैसा दर्द, साथ ही आँखों में जलन और त्वचा पर दाने और खसरा।
बेलाडोना : तीक्ष्ण जलन, ज्वरावस्थायें, सिर की रक्त संकुलता, सूखी श्लेष्मिक झिल्लियाँ, विशेष रूप से ऊपर श्वास प्रणाली को प्रभावित करती है।
फेरम फॉस तथा मर्क. सोल. : सर्दी-जुकाम के कारण होने वाले रोग, रोशनी सहन न होना (Photophobia), चिपचिपा पसीना।
खुराक की मात्रा: तीव्र (Acute) स्थिति में लगातार खुराक दोहराना अनिवार्य होता है। प्रारंभ में प्रत्येक १/२ से १ घंटे के अंतराल पर ८ से १० बूँदें पानी में दें। छोटे बच्चों को पानी में ३ से ५ बूँदें दें। सुधार होने पर, खुराक घटाकर १ से २ घंटे पर लें।
टिप्पणी : रोग मुक्ति के बाद स्वास्थ्य लाभ के लिए : R31
यदि इंफ्लुएंजा से बीमारी जटिल हो जाये तो R6 की साथ में तथा अदल-बदल कर अनुमोदित करें।
टॉन्सिल्स के शोथ अथवा कान के मध्य भाग के शोथ में : R1 के साथ या अदल-बदल कर अनुमोदित करें।
नाक के प्रदाह में : R49
जब जरा भी दाने न निकलें अथवा बहुत धीमे निकले, R23, बीच में प्रतिदिन २ या ३ बार ८-१० बूँदें लें।
श्वासनलियों का प्रदाह (Bronchitis) : अतिरिक्त औषधि के रूप में जटसिन ड्रॉप R9 या सिरप R8 लें।
फेफड़ों का संभावित रोग : R62 के साथ प्रतिदिन ३ या ४ बार R48 दिया जा सकता हैं।
फेफड़ों की तपेदिक की प्रवृत्ति में : R57 प्रतिदिन १ या २ बार ८ से १० बूँदें देनी चाहिए।
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