लेप्टेंड्रा: यकृत रोगों और काली मल के लिए एक प्रभावशाली होम्योपैथिक औषधि

🌿 लेप्टेंड्रा – परिचय

Leptandra एक प्रसिद्ध होम्योपैथिक औषधि है जो Leptandra Virginica नामक पौधे की जड़ से तैयार की जाती है। इसे आम बोलचाल में Black Root कहा जाता है और यह Scrophulariaceae वनस्पति वर्ग से संबंधित है। यह औषधि विशेष रूप से यकृत विकारों, पीलिया, Pancreatitis, और Esophageal Varices जैसी स्थितियों में उपयोगी मानी जाती है।

लेप्टेंड्रा होम्योपैथी दवाओं के उपयोग

औषधीय संकेत (Key Indications)

1️⃣ Esophageal Varices में Leptandra का उपयोग

Esophageal Varices यानी गले की नसों में सूजन की स्थिति में Leptandra अत्यंत लाभकारी सिद्ध होती है। इस स्थिति में रोगी को निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं:

  • काली, टेरी मल (Black tarry stool)
  • मल से दुर्गंध आना
  • पित्त की उल्टी
  • जिगर में चुभन जैसा दर्द
  • अत्यधिक थकावट और कमजोरी

डॉ. विकास शर्मा के अनुसार, Leptandra इन लक्षणों को शांत करने में प्रभावी है और रोगी को राहत प्रदान करता है।

2️⃣ पीलिया और Pancreatitis में Leptandra

Leptandra पीलिया के उन मामलों में उपयोगी है जहाँ लक्षणों में शामिल हैं:

  • पित्त की उल्टी के साथ मतली
  • भूख की कमी
  • सुबह के समय अधिक दस्त
  • मटमैले रंग का, बदबूदार मल
  • नाभि के आसपास तीव्र दर्द

यह औषधि यकृत को पुनः सक्रिय करने में मदद करती है और पाचन तंत्र को संतुलित करती है।

विशेषज्ञों की राय

डॉ. गोपी Leptandra को LEPTANDRA Q के रूप में उपयोग करने की सलाह देते हैं, विशेष रूप से निम्नलिखित लक्षणों में:

  • पीलिया के साथ लिवर डिसऑर्डर
  • रीढ़ तक फैलता हुआ यकृत क्षेत्र में दर्द
  • काली टेरी मल
  • पीले रंग की जीभ

उनके अनुसार, यह औषधि शरीर की आंतरिक सफाई में सहायक होती है और बिना किसी साइड इफेक्ट के कार्य करती है।

उपयोग की विधि

खुराक – औषधीय खुराक इस बात पर निर्भर करती है कि स्थिति तीव्र है या पुरानी। (गोलियाँ) वयस्क और 2 वर्ष और उससे अधिक उम्र के बच्चे: राहत मिलने तक या चिकित्सक के निर्देशानुसार दिन में 3 बार जीभ के नीचे 4 गोलियाँ घोलें। (बूंदें): सामान्य खुराक एक चम्मच पानी में दिन में 2-3 बार 3-4 बूंदें हैं। स्थितियों के आधार पर खुराक भिन्न हो सकती है। दवाएँ लेने से पहले हमेशा होम्योपैथिक चिकित्सक से परामर्श लें

निष्कर्ष

Leptandra एक प्राकृतिक और सुरक्षित विकल्प है जो यकृत संबंधी समस्याओं, पीलिया, और काली मल जैसी गंभीर स्थितियों में राहत प्रदान करता है। इसकी जड़ से बनी औषधि शरीर को अंदर से शुद्ध करती है और पाचन तंत्र को संतुलित करती है। यदि आप इन लक्षणों से परेशान हैं, तो Leptandra एक प्रभावी समाधान हो सकता है।

दुष्प्रभाव – कोई ज्ञात प्रतिकूल संकेत नहीं। हालाँकि शक्ति और उपचार के लिए होम्योपैथी डॉक्टर से परामर्श लें

लेप्टेंड्रा मदर टिंचर, डाइल्यूशन, विशेष फॉर्मूलेशन और औषधीय गोलियों में उपलब्ध है

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