OCD: बार-बार विचार और आदतों का चक्र, और होम्योपैथिक समाधान

OCD क्या है? लक्षण, कारण और होम्योपैथिक इलाज

जब डर और आदतें बन जाएं बीमारी – ओसीडी (OCD) की कहानी

“मैं सार्वजनिक जगहों पर किसी दरवाजे या काउंटर को छूने से डरती थी। मुझे पता था कि यह डर तर्कसंगत नहीं है, लेकिन फिर भी मुझे लगता था कि कहीं ये कीटाणु मेरी जान न ले लें। मैं लगभग सार्वजनिक स्थानों पर जाने से कतराती थी। अगर गलती से कुछ छू लिया तो घंटों खुद को धोती रहती। कई बार तो हाथ इतनी बार धोने से लाल हो जाते, छिल जाते और खून भी निकल आता।”

यह एक ऐसी कहानी है, जो Obsessive-Compulsive Disorder (OCD) से पीड़ित कई लोगों की असलियत बयां करती है। OCD से पीड़ित व्यक्ति बार-बार आने वाले बेकाबू विचारों (obsessions) और दोहराए जाने वाले कार्यों (compulsions) में फंसा रहता है। व्यक्ति इन आदतों और विचारों को खुद से दूर करने की कोशिश करता है, लेकिन यह स्थिति और ज्यादा चिंता और तनाव उत्पन्न कर देती है।

OCD क्या है?

OCD एक मानसिक स्थिति है जिसमें व्यक्ति के मन में बार-बार अवांछित विचार आते हैं, जिन्हें हटाने के लिए वह कुछ क्रियाएं बार-बार करता है। जैसे – बार-बार हाथ धोना, ताले और गैस-स्टोव चेक करना, गिनती करना या साफ-सफाई करते रहना। इन क्रियाओं से अस्थायी राहत तो मिलती है, लेकिन समस्या जड़ से नहीं सुलझती।

OCD कब समस्या बनती है?

अगर ये आदतें रोज़ाना एक घंटे से ज्यादा का समय ले रही हों, आपकी दिनचर्या में बाधा बन रही हों और आपको अत्यधिक मानसिक तनाव दे रही हों, तो यह OCD हो सकता है। OCD किसी भी उम्र में शुरू हो सकता है, लेकिन आमतौर पर किशोरावस्था या युवा अवस्था में यह ज्यादा देखा जाता है। एक तिहाई से आधे वयस्कों में यह बचपन से ही शुरू हो जाता है।

OCD के संभावित कारण

  • जैविक (Biological): मस्तिष्क में सेरोटोनिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर की कमी से OCD की प्रवृत्ति देखी गई है।
  • आनुवंशिक (Genetic): यदि परिवार में किसी को OCD है, तो अन्य सदस्यों में इसके विकसित होने की संभावना थोड़ी बढ़ जाती है।
  • पर्यावरणीय (Environmental): कुछ संक्रमण और तनावपूर्ण घटनाएं OCD को ट्रिगर कर सकती हैं।
  • मनोवैज्ञानिक (Psychological): फ्रायड के अनुसार, बचपन की दबी हुई मानसिक चोटें और तनाव इसके पीछे हो सकते हैं।

OCD के लक्षण

Obsessions (बेकाबू विचार)

  • गंदगी या संक्रमण से अत्यधिक डर
  • वस्तुओं को एक क्रम और सटीकता में रखने की तीव्र इच्छा
  • किसी को नुकसान पहुँचाने वाले विचार या छवियाँ
  • अश्लील, आक्रामक या धार्मिक विचार जो बार-बार दिमाग में आएं
  • दरवाजा बंद करने या गैस बंद करने को लेकर अत्यधिक संदेह
  • सार्वजनिक जगहों पर हाथ मिलाने से परहेज

Compulsions (बार-बार दोहराए जाने वाले कार्य)

  • बार-बार हाथ धोना, कई बार इतनी बार कि त्वचा छिल जाए
  • ताले, गैस या लाइट को बार-बार चेक करना
  • गिनती करना या किसी खास क्रम में चीजों को सजाना
  • एक ही शब्द या प्रार्थना को बार-बार मन में दोहराना
  • अत्यधिक साफ-सफाई या चिपकने वाली आदतें

OCD कितना गंभीर हो सकता है?

OCD की गंभीरता हल्के से लेकर अत्यधिक तक हो सकती है। तनाव बढ़ने पर इसके लक्षण और भी अधिक तीव्र हो जाते हैं। कई बार यह समस्या इतनी बढ़ जाती है कि व्यक्ति का व्यक्तिगत, सामाजिक और व्यावसायिक जीवन पूरी तरह प्रभावित हो जाता है।

होम्योपैथिक चिकित्सा में OCD का उपचार

OCD एक जटिल स्थिति है, जिसका होम्योपैथी में गहराई से इलाज किया जाता है। आधुनिक होम्योपैथ्स मरीज की मानसिक स्थिति और लक्षणों की गहराई से जांच करते हैं।

महत्वपूर्ण होम्योपैथिक दवाएं:

  • Syphilinum: लंबे समय से चले आ रहे ऑब्सेसिव विचारों में उपयोगी।
  • Carcinosin: पुराने डर और मनोवैज्ञानिक दमन से उत्पन्न OCD में फायदेमंद।
  • Nux Vomica: तनाव और गुस्से से जुड़ी OCD प्रवृत्तियों में।
  • Pulsatilla: भावनात्मक असंतुलन और परिवर्तनशील स्वभाव में सहायक।
  • Sepia: विशेष रूप से महिलाओं में, जब लक्षण मासिक धर्म के समय बिगड़ते हैं।

OCD का उपचार सिर्फ दवाओं से नहीं

होम्योपैथिक चिकित्सा में दवाओं के साथ-साथ व्यक्ति की मानसिक, भावनात्मक और जीवनशैली से जुड़ी जड़ों तक जाकर इलाज किया जाता है। कई बार गहराई से की गई साइकोएनालिसिस (psychoanalysis) OCD के कारणों को समझने और लक्षणों को नियंत्रित करने में मददगार होती है।

निष्कर्ष

OCD सिर्फ एक आदत नहीं बल्कि एक गंभीर मानसिक स्थिति है, जो समय पर इलाज न मिलने पर जीवन की गुणवत्ता को काफी हद तक प्रभावित कर सकती है। सही परामर्श और होम्योपैथिक उपचार से इस विकार में संतुलन और राहत संभव है।

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