आंखों में जलन और धुंधलापन? डिजिटल स्क्रीन यूज़ से होने वाली परेशानी का इलाज

डिजिटल आई स्ट्रेन क्या है?

डिजिटल आई स्ट्रेन, जिसे कंप्यूटर विजन सिंड्रोम (CVS) भी कहा जाता है, लंबे समय तक डिजिटल स्क्रीन जैसे कंप्यूटर, मोबाइल, टैबलेट, या टीवी का उपयोग करने के कारण आंखों में होने वाली थकावट और असुविधा है। यह समस्या आज के डिजिटल युग में तेजी से बढ़ रही है। लगातार स्क्रीन पर देखने से आंखों पर अत्यधिक दबाव पड़ता है, जिससे आंखों की थकान, जलन और अन्य लक्षण उभरते हैं।

डिजिटल आई स्ट्रेन के लक्षण और संकेत

डिजिटल आई स्ट्रेन से ग्रसित व्यक्तियों में निम्नलिखित लक्षण देखने को मिल सकते हैं:

  1. आंखों में थकान
  2. आंखों में जलन और खुजली
  3. आंखों का लाल होना
  4. आंखों में सूखापन या पानी आना
  5. धुंधला या दोहरा दिखाई देना
  6. प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता
  7. सिरदर्द, खासकर माथे में
  8. कंधे और गर्दन में दर्द
  9. आंखों में भारीपन और दबाव का अनुभव

डिजिटल आई स्ट्रेन का उपचार

1. स्क्रीन समय को सीमित करें:

डिजिटल उपकरणों का उपयोग करते समय 20-20-20 नियम अपनाएं। हर 20 मिनट बाद 20 फीट दूर किसी वस्तु को 20 सेकंड तक देखें।

2. आंखों को नियमित रूप से आराम दें:

स्क्रीन पर काम करते समय आंखों को कुछ मिनटों के लिए बंद करें या कमरे के किसी अन्य कोने की ओर देखें।

3. उचित रोशनी:

काम करते समय कमरे में पर्याप्त रोशनी होनी चाहिए ताकि आंखों पर दबाव कम हो।

4. उचित स्क्रीन पोजिशन:

स्क्रीन आंखों के स्तर से थोड़ा नीचे और 20-24 इंच की दूरी पर होनी चाहिए।

5. कृत्रिम आंसू और आई ड्रॉप्स का उपयोग:

डॉक्टर की सलाह से आंखों के सूखेपन को कम करने के लिए आई ड्रॉप्स का उपयोग करें।

डिजिटल आई स्ट्रेन के लिए होम्योपैथिक उपचार

होम्योपैथी में डिजिटल आई स्ट्रेन के लक्षणों को प्रबंधित करने के लिए प्रभावी दवाएं उपलब्ध हैं। ये दवाएं प्राकृतिक स्रोतों से बनी होती हैं और आंखों की थकान, जलन, खुजली, सूखापन, सिरदर्द और धुंधले दृष्टि जैसे लक्षणों में राहत प्रदान करती हैं। हर मरीज की समस्या के अनुसार दवाएं चुनी जाती हैं।

शीर्ष होम्योपैथिक दवाएं:

  1. रूटा ग्रेवोलेंस (Ruta):
    यह दवा मुख्य रूप से आंखों की थकान और सिरदर्द के लिए उपयोगी है। खासकर उन लोगों के लिए जिनके माथे में बार-बार सिरदर्द होता है। यह दवा लंबे समय तक पढ़ने या स्क्रीन पर काम करने से होने वाली परेशानी में मदद करती है।
  2. फिजोस्टिग्मा (Physostigma):
    यह दवा कंप्यूटर विजन सिंड्रोम और धुंधले दृष्टि के लिए प्रभावी है। मरीज को ऐसा लगता है जैसे वस्तुएं धुंधली या दोहरी दिखाई दे रही हैं। आंखों में कमजोरी और खिंचाव का अनुभव हो सकता है।
  3. यूफ्रेशिया (Euphrasia):
    इसे आईब्राइट भी कहा जाता है। यह आंखों में जलन, खुजली और अत्यधिक पानी आने जैसे लक्षणों को कम करने में मदद करती है। आंखों में रेत जैसी महसूस होना और दृष्टि का कमजोर होना इसके लक्षणों में शामिल है।

निष्कर्ष

डिजिटल आई स्ट्रेन आज की व्यस्त डिजिटल जीवनशैली का एक सामान्य परिणाम है। हालांकि, इसे सही उपायों और होम्योपैथिक उपचार के माध्यम से आसानी से प्रबंधित किया जा सकता है। यदि आप या आपके परिवार का कोई सदस्य इस समस्या से पीड़ित है, तो होम्योपैथिक दवाओं के साथ स्क्रीन समय को संतुलित करके अपनी आंखों की सेहत को बेहतर बनाएं।

 

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