प्रारंभिक अवस्था में बवासीर के लिए लोग होम्योपैथीक दवा लेने का विचार नहीं करते है और यही कारण है कि वे अंत में एक सर्जन के शल्य-चिकित्सा पर आश्रित हो जाते है। होम्योपैथी में बवासीर की पूरी तरह ठीक होने की संभावना है। होम्योपैथीक दवाएं नस वाल्व को मज़बूत बनाने में मदद करती हैं । इसके अलावा जो उपचार है वो पूरी तरह से सुरक्षित है और बवासीर का इलाज ज्यादातर स्थायी होता है।
बवासीर क्या है?
बवासीर मलाशय एवः गूदे के ऊतकों में संवहनी सूजन हैं। यह एक समस्या वयस्कों, दोनों ही पुरुषों एवः महिलाओं में बहुत आम है। यह कब्ज होने के पश्चात मल निकास के दौरान होने वाले अत्यधिक दबाव का परिणाम हैं। कभी कभी यह उच्च रक्तचाप पोर्टल की वजह से भी हो सकता है। आंतरिक बवासीर होमोरोइड नसों के जाल की भीड़ से उत्पन्न होती हैं, बाह्य बवासीर अवर होमोरोइड नसों से उत्पन्न होती हैं। यह गुदा के बाहर हो सकता है। किसी पुराने मामलों में यह एक मटर या बड़े उभार का एक आकार का हो सकता है। बवासीर अक्सर मल त्याग के लिए दबाव का परिणाम होता है। बवासीर कब्ज से गंभीर दर्द परिणामों के साथ एक की स्थिति में लगातार बैठे, फास्ट फूड आदि आदतों की वजह से भी होता है।
बवासीर पे सर्वेक्षण
भारत में बवासीर पे सर्वेक्षण के आंकड़े दिखाते हैं कि 80% बवासीर के मरीज 21-50 वर्ष की उम्र के लोग है, जिसमे 67% आदमी और 33% औरतें हैं। विश्लेषण बताते हैं कि कब्ज़ और तीखा चटपटा खाना बवासीर का एक बड़ा कारण है।
बवासीर से खून क्यों निकलता है?
विशेष रूप से कठोर मल को दबाने या गुजरने से बवासीर की सतह को नुकसान हो सकता है, जिससे रक्तस्राव हो सकता है। टॉयलेट पेपर के एक टुकड़े पर बवासीर से खून चमकीला लाल दिखाई देगा। कम फाइबर वाले खाद्य पदार्थ कब्ज को खराब कर सकते हैं, जिससे बवासीर हो सकता है।
बवासीर का इलाज – बवासीर कई बार खुद ही ठीक होजाता है। लंबे समय तक पाइल्स होने पर होमियोपैथिक उपचार लेने से दर्द और खुजली में आराम मिलजाता है। डॉक्टरों द्वारा बवासीर की दवा उसकी दशा को देखकर दी जाती है।बवासीर का इलाज ट्रॉपिकल क्रीम, ऑइंटमेंट, पैरासिटामोल या (laxative) रेचक देकर किया जा सकता है। कई मामलो में गैर शल्य (non-surgical) विधियों से जैसे स्क्लेरोथेरेपी और बैंडडिंग (यदि बवासीर डेंटेट रेखा के आगे बर्ड गया हो) द्वारा बवासीर का इलाज किया जासकता है।10 में से 1 को शल्य (surgery) विधि द्वारा ही बवासीर का इलाज करवाना पड़ता है।

बवासीर के लिए होम्योपैथी चिकित्सा: शीर्ष 10 थेरप्यूटिक होम्योपैथी उपचार
- Arsenicum Alb. (tds): यदि बवासीर आग की तरह जलन कर रहा है तो गर्म पानी में बैठने से राहत मिलती है।
- Apis mel (tds): यदि मधु मक्खियों के काटने के समान चुभने जैसा दर्द हो।
- Calcarea flour (qid): यदि कब्ज और पीठ में दर्द के साथ आंतरिक बवासीर हो। पेट में ज्यादा आंत्रवायु हो। गुदे में खुजली के साथ ढेर रक्त स्राव। गर्भावस्था में यह और भी गंभीर होजाता है।
- Collinsonia can. (tds): मलाशय में तेज छड़ो की अनुभूति होना। दर्दनाक एवः रक्त स्राव वाला बवासीर। सबसे ज़्यादा कब्ज के साथ। दस्त के साथ गर्भावस्था के दौरान कब्ज।
- Ficus rel. Q (qid) Ficus Ind. Q (qid) आधा कप पानी में 5 बूँदें :- इन दोनों को उपचार में इस्तमाल किया जा सकता है, यदि Mucuna (मुकुना) विफल हो जाता है। 5 बूँदें प्रत्येक दिन में 4 खुराक लेने के बाद रक्तस्राव बंद हो जाएगा। रक्त का बिलकुल लाल होना आवश्यक है।
- Hamamelis (tds): यदि प्रसूति के बाद बवासीर हो। रक्त काले गाढ़ा हो, मलाशय में दर्द के साथ विपुल, कमजोरी के साथ खून भी बह रहा हो।
- Hypericum 1x (qid): अगर ढेर सारा खून बह रहा हो। यह एक बहुत ही विशिष्ट उपचार है।
- Kalium carb. (tds): यदि बवासीर बड़ी और सूजी हुई हो। शिशु-जन्म के बाद अगर बवासीर हो तो।
- Millefolium (tds): यदि बवासीर के दौरान खून बह रहा हो। रक्त बिलकुल लाल हो तो। अभिमिश्रण करके ग्रहण में बेहतर काम करता है, 5 बूंदों का एक खुराक, दिन में तीन बार।
- Mimosa p. 1x (tds): 1x या 6x की एक खुराक बाह्य बवासीर के इलाज में कारगार होता है। इसकी पत्तियां तेल के साथ एक प्रलेप में बना है और गुदा पर दर्द में तत्काल राहत प्रदान करता है और इसको घटाने में भी सहायता करता है।
बवासीर के लिए अन्य होमियोपैथिल उपचार
- मुकुना Q TDs 1-2 की कुछ बूंदें थोड़े से पानी में यदि बवासीर में खून आ रहा हो। 4 डोज़ ऐसे जड़ से खत्म करेगी। यदि कोई लाभ न हो तो प्रयोग करें- नाइट्रिकम एसिडम – सेडम एकर (tds) अत्यधिक खून आने पर।
- पैओना ऑफ़ (tds) – मलाशय में जलन, दरार और बवासीर में खून आने पर।
- पोडोफाईलम (tds) – बाहरी और आंतरिक बवासीर के लिए। मलाशय में सूजन के लिए। सफ़ेद, सूखे और कड़े मल वाले कब्ज़ के लिए। दस्त में खून आने पर।
स्टेफाईसौगरिया (bd) – आपरेशन के बाद बवासीर का वापस उभारना। - सल्फर – 30/ सुबह (hs) नुक्स वोमिका / रात (hs) एस्क्यूल्स हिप/दोपहर (hs) – सल्फर की एक खुराक सुबह, एस्क्यूल्स की एक खुराक दोपहर में। यह बवासीर को जड़ से मिटाएगी।
बवासीर 10 विशेष होमियोपैथिक उपचार
- डॉक्टर रेक्विग R13 Hemorrhoidal Drops – डॉ रिक्वेग द्वारा & co जर्मनी – यह कई होमियोपैथिक औषधियों जैसे एसिडम, नाइट्रिकम, एस्क्यूल्स हिप्प, कोल्लिनसोनिया वगैरह का मेल है। सुझाया गया है अधिक खून आने पे, जलन में, मलाशय की चमड़ी कड़ी होने पे, फोड़े निकलने पे। उपलब्ध है 22 ml ड्रॉप्स में।
- एस्क्यूल्स पेंटरकान – बवासीर में होने वाले दर्द से रहत पाएं। बिताएं एक सुखी और स्वस्थ बवासीर मुक्त जीवन।एस्क्यूल्स पेंटरकान का प्रयोग करें जब बवासीर से अत्यादिख खून आय। प्रयोग करें जब वेरिकोज नसों में दिक्कत हो। एस्क्यूल्स पेंटरकान में है 10% एस्क्यूल्स हिप्पोकैसटैनम जो बवासीर में उठने वाले तेज़ दर्द से तुरंत रहत देता है।
- टोपी एस्क्यूल्स क्रीम – एस्क्यूल्स हिप्पोकैसटैनम का प्रयोग होमियोपैथी में बवासीर के इलाज के लिए लंबे समय से किया जा रहा है। इसका प्रयोग रक्त भरे या रक्त मुक्त बवासीर दोनो में किया जाता है।
- अडेल मदौस जर्मनी द्वारा बनाई गयी अडेल 2 अपो हैंम ड्रॉप्स बवासीर को मिटाने के लिए एक लाभकारी दावा है।इसे ऐसीडम निट्रीकम और अनाकार्डिम अथवा के मिश्रण से बनाया गया है। यह बवासीर में होने वाले दर्द और जलन से रहत देती है। यह मलाशय से होने वाले अनचाहे पतन को रोकतीहै। अडेल 2 अपो हैंम उपलब्ध है 20ml ड्रॉप्स में।
- बायोफोर्से द्वारा बनाई गयी बोलयूम 18 हिमोसैन ड्रॉप्स का प्रयोग होता है बवासीर में होने वाले शुरुवाती लक्षणों के लिए। बोलयूम 18 हिमोसैन उपलब्ध है 30ml ड्राप में।
- मेडिसिन्थ ने बनाई है पिलेंन ड्रॉप्स जो बाहरी या अंदरूनी, ररक्त पतन या रक्त हीन बवासीर में उठने वाले दर्द को कम करती है। यह कब्ज़ को भी दूर करती है। पिलेंन उपलब्ध है 30 ml ड्रॉप में और 25 ग्राम की गोलियो में।
- हैसलैब ने बनाई है HC एस्क्यूल्स काम्प्लेक्स टैबलेट जो बवासीर में होंने वाले मलाशय के दर्द को कम करती है। यदि मलाशय से खून निकल रहा हो और जलन के साथ चुभन वाली पीड़ा हो तो इसका प्रयोग करें। यह नसों का फैलना, अंडकोष में सूजन और रीढ़ की हड्डी में लम्बर और सर्कल में उठने वाले दर्द से राहत दिलाने में कारगर है । उपलब्ध है 20 और 40 ग्राम की टैबलेट्स में।
- डॉक्टर रिक्वेग & co जर्मनी डॉक्टर रिक्वेग जर्मनी बायोकेमिक कॉम्बिनेशन टैबलेट BC 17 का प्रयोग करे बवासीर के इलाज में रक्त पतन होने पर उर पीठ और कमर के दर्द को कम करने के लिए। लाभकारी है हर तरह के बवासीर के लिए। उपलब्ध है 20 ग्राम टैबलेट के रूप में।
- हैसलैब ने बनाई है ड्रॉक्स 20 पाईलोवैरिन। ड्रॉक्स हर रोग के लिए विशिष्ट ड्रॉप्स का निर्माण करती है। इसे हैनेमान साइंटिफिक लैब ने बनाया है जो की भारत में है। यह एक कारगर, असली और शुद्ध होमियोपैथिक दावा है जिसे ख़ास बवासीर के इलाज के लिए बनाया गया है। यह बवासीर से होने वाली खुजली , दर्द , फोड़े , वेरिकोज एक्जिमा, नसों और ऊतकों की उत्तेजना और प्रोलैप्सुस में रहत देने के लिए कारगर है। यह उपलब्ध है 30ml ड्रॉप्स में।
- बैकसन द्वारा बनाई गयी स्पेशल कंपाउंड पिगलो टेबलेट्स सूजी और उत्तेजित हुई नसों के लिए है। ये बवासीर और मलाशय में होने वाले कीड़ो के संक्रमण से राहत देती है। उपलब्ध है 100 और 250 ग्राम ड्रॉप्स के रूप में।
होमियोपैथिक दवाएं बवासीर के लिए – उच्च स्तर के होमियोपैथि मदर टिंकचर्स
- ऐंगल फ़ोलिया – यह पत्तियों से बनायी गयी एक होमियोपैथिक टिंक्चर है। ऐसे प्रमाणित किया है भारतीय फार्माकॉपोईआ ने। ये जानी जाती है रक्त पतन वाले बवासीर , दस्त, बुखार और नपुंसकता के कारगर इलाज के लिए। 1x, 3x, यह बानी है टैनिक एसिड से।
- सैनोडॉन डैक्टाइलोंन – बनाया गया है समस्त पेड़ से। इसमें खून ज़माने एक रसायन पाया जाता है। इसकी जड़ से बनी दावा बवासीर में रक्त पतन को रोकती है।
- अस्कलेपीएस कुरससेविका – यह टिंक्चर बनाया गया है समस्त पेड़ से। इसका इस्तेमाल रेचक, स्तम्मक , एमेटिक और सैप्टिक के रूप में किआ जाता है। ये बवासीर और गोनोरिया के लिए , पौधों की जड़ से बनाया गया एक पारंपरिक भारतीय इलाज है ।
Sir meri age 15years hai mai chatpata aur mirch wala khana bahut khata tha usi ko wajah mujhko piles ho gaya mujhe ek massa hai us me kabhi kabhi itching hoti or Kuch dino se isme halka sa dard b h please koi homeopathic dawa bataye please please
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अपने भोजन की आदतों में थोड़ा ध्यान और परिवर्तन बवासीर का इलाज करने में बहुत मददगार हो सकता है। आप फाइबर समृद्ध खाद्य पदार्थ जैसे लेग्यूम्स खाने चाहिए, जैसे कि विभाजन मटर, दाल, काले सेम, लिमा बीन्स, और बेक्ड बीन्स पूरे अनाज, जैसे जौ, चोकर के टुकड़े, दलिया, और भूरे रंग के चावल सब्जियां, जैसे आटिचोक, हरी मटर, ब्रोकोली,
आम तौर पर हाइड्रोकार्टेसोन युक्त अति-काउंटर रक्त स्राव क्रीम निर्धारित होता है। होमिसोपैथिक क्रीम जैसे एपिस मेलिफ़िका क्रीम, हैममेलीस क्रीम, एस्क्यूल्स ऑयंटमेंट बाहर से लगने के लिए अच्छा है
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Kabj khujli pils
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जलन और खुजली उचित तरीके से सफाई नहीं करने के कारण हो सकती है, पुअर हाइजीन या शौचालय के बाद अच्छी तरह से नहीं पोंछने। या यह वर्म्स (कीड़े) के कारण हो सकता है
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सर मेरा एक दोस्त है उम्र 27 साल है उसको मिर्गी आती है वो चलते चलते गिर जाता है पहले तो कभी कभी आती थी लेकिन अब तो एक दिन में तीन बार भी आ जाती है कभी कभी कोई इलाज बताओ।
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Check Reckeweg R33 Epilepsy Drops Hindi – मिर्गी का होम्योपैथी ईलाज
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